साउथ चाइना सी में इंडियन नेवी के शिप उतारने पर भड़की चीनी सेना, भारत को दी ये नसीहत

फिलीपींस की नौसेना के साथ भारतीय नौसैनिक जहाज के अभ्यास को लेकर चीन ने आपत्ति जताई है. चीनी सेना ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि कई देशों के बीच रक्षा सहयोग से तीसरे देशों के हितों और क्षेत्रीय शांति को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए. विवादित दक्षिण चीन सागर में भारत और फिलीपींस के नौसैनिक अभ्यास से चीन भड़का हुआ है. इसे लेकर चीन ने गुरुवार को बकायदा बयान जारी करते हुए कहा कि विभिन्न देशों के बीच रक्षा सहयोग से तीसरे देशों के हितों और क्षेत्रीय शांति को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए. 

भारतीय नौसैनिक जहाज और फिलीपींस के नौसैनिक पोत के बीच नौसैनिक अभ्यास और फ्रांसिसी नौसेना के साथ प्रस्तावित फिलीपींस के हवाई अभ्यास पर चीन ने सवाल उठाए हैं. चीन की आधिकारिक मीडिया के एक सवाल का जवाब देते हुए चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल वू ने कहा कि चीन ने इस पर ध्यान दिया है. उन्होंने कहा कि चीन ने हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि संबंधित देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग से के हितों को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए या क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए. 


दरअसल चीन फिलीपींस और अन्य देशों के बीच सैन्य सहयोग

असल चीन फिलीपींस और अन्य देशों के बीच सैन्य सहयोग को लेकर अक्सर बेचैन दिखाई देता रहा है. विवादित दक्षिण चीन सागर के हिस्सों पर फिलीपींस और चीन की नौसेना अपने-अपने दावे करती है और कई बार दोनों नौसेना आमने-सामने आ चुकी है. हाल ही में विवादित दक्षिण चीन सागर के हिस्सों पर बीजिंग के नियंत्रण का दावा करने के बाद फिलीपींस और ड्रैगन के नौसैनिक जहाज भिड़ गए थे. गौर करने वाली बात ये है कि इस विवादित समुद्री इलाके पर मनीला भी दावा करता है.

फिलीपींस की नौसेना ने इस महीने आरोप लगाया था कि चीनी जहाजों ने उसके जहाजों पर हमला करने के लिए पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया था. चीन दक्षिण चीन सागर के अधिकांश हिस्से पर अपना दावा करता है. वहीं फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान भी इस क्षेत्र पर अपना दावा करते हैं.

भारतीय जहाज ने किया था अभ्यास

इस महीने की शुरुआत में, आईएनएस कदमत ने फिलीपींस की अपनी यात्रा के दौरान फिलीपींस की नौसेना के एक अपतटीय गश्ती जहाज बीआरपी रेमन अलकराज के साथ दक्षिण चीन सागर में एक समुद्री अभ्यास में भाग लिया था. किसी भी देश का सीधे तौर पर जिक्र किए बिना कर्नल वू कियान ने कहा कि चीन और फिलीपींस के बीच समुद्री विवाद बीजिंग और मनीला के बीच का मुद्दा है और किसी तीसरे पक्ष को हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है.

उन्होंने कहा, चीन उच्च स्तर की सतर्कता बनाए रखेगा और राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा तथा समुद्री अधिकारों और हितों की दृढ़ता से रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएगा. इस आरोप पर कि चीनी तटरक्षक जहाजों ने फिलीपींस के जहाजों के खिलाफ पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया, वू ने कहा कि यह पूरी तरह से गलत प्रचार है.

उन्होंने दावा किया कि चीन की ओर से बार-बार दी गई चेतावनियों की परवाह न करते हुए फिलीपींस ने चीन के दावे वाले क्षेत्रों में घुसपैठ कर रहा है. उन्होंने कहा कि फिलीपींस का जहाज चीनी तटरक्षक जहाज से टकरा गया और उसे क्षतिग्रस्त कर दिया. इस तरह की हरकत बहुत खतरनाक और बेहद गैर-पेशेवर है. उन्होंने कहा किचीन तट रक्षक ने कानून के अनुसार आवश्यक प्रवर्तन कदम उठाए जो पूरी तरह से उचित और वैध थे. फिलीपींस के जहाजों के खिलाफ चीनी कार्रवाई की अमेरिकी आलोचना पर वू ने कहा कि चीन इस तरह की टिप्पणियों को खारिज करता है और इसका कड़ा विरोध भी करता है. उन्होंने दोहराया कि मनीला द्वारा दावा किए गए क्षेत्रों पर चीन की निर्विवाद संप्रभुता है और अमेरिका पर चीन को उकसाने के लिए फिलीपींस का साथ देने का आरोप लगाया.

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