North Korea: बाज नहीं आ रहा उत्तर कोरिया, अगले साल तक और बढ़ाएगा परमाणु हथियारों का जकीरा

 अमेरिका और दक्षिण कोरिया को जवाब देने के लिए उत्तर कोरिया सेकंड-स्ट्राइक क्षमता में सुधार के लिए परमाणु हथियार बढ़ाने की कोशिश करेगा । विशेषज्ञों के अनुसार उत्तर कोरिया केवल 50 परमाणु हथियार तक ही सीमित है और अगर उस पर पहला हमला होता है तो उस पर जवाबी हमला करने की क्षमता नहीं बचेगी। प्योंगयांग अपने परमाणु हथियारों की संख्या को 100 से अधिक तक बढ़ाने की कोशिश करेगा।

आईएएनएस, सियोल। अमेरिका और दक्षिण कोरिया के खिलाफ उत्तर कोरिया अगले साल भी अपनी परमाणु टेस्टिंग को बरकरार रखेगा। साथ ही अगर उत्तर कोरिया पर परमाणु हमला होता है तो वह परमाणु हथियार से जवाबी हमला करने में भी सक्षम होगा। विशेषज्ञों ने बुधवार को इसकी जानकारी दी है। सरकारी कोरिया नेशनल डिप्लोमैटिक एकेडमी (KNDA) के एमेरिटस प्रोफेसर जून बोंग-ग्यून ने अगले साल के लिए अंतरराष्ट्रीय संबंधों की संभावनाओं पर एक ब्रीफिंग की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उत्तर कोरिया ने 'सबसे आक्रामक परमाणु रुख अपना लिया है।




क्या कहता है परमाणु सिद्धांत?

जून ने कहा कि परमाणु सिद्धांत यह है कि 'यदि आप मुझ पर हमला करते हैं, तो मैं अपने परमाणु हथियारों से जवाबी हमला करूंगा, इसलिए यदि आप मुझ पर हमला करते हैं तो आप वैसे भी मर जाएंगे। हालांकि, उत्तर कोरिया केवल 50 परमाणु हथियार तक ही सीमित है और अगर उस पर पहला हमला होता है तो उस पर जवाबी हमला करने की क्षमता नहीं बचेगी। उन्होंने कहा, प्योंगयांग कम से कम समय में अपने परमाणु हथियारों की संख्या को 100 से अधिक तक बढ़ाने की कोशिश करेगा।

योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, केएनडीए के एक प्रोफेसर चोई वू-सियोन ने जून के विचारों को दोहराते हुए कहा कि उत्तर कोरिया अगले साल किसी भी समय उकसावे की कार्रवाई कर सकता है, हालांकि अमेरिका के विस्तारित प्रतिरोध के तहत यह 'सीमित' होगा।

रूस और उत्तर कोरिया के बीच सहयोग

रूस और उत्तर कोरिया के बीच बढ़ते सैन्य सहयोग पर, जून ने मॉस्को के लिए अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों से संबंधित हथियारों को स्थानांतरित करने की संभावना नहीं देखी है। रूस कम से कम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य और परमाणु अप्रसार संधि के तहत एक परमाणु देश के रूप में अपनी जिम्मेदारी को नजरअंदाज करने के लिए कुछ भी नहीं करेगा।

अक्टूबर में, अमेरिकी सरकार ने कहा कि उत्तर कोरिया ने सैन्य उपकरणों और हथियारों के 1,000 से अधिक कंटेनर रूस को भेजे थे। यह उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के रूसी अंतरिक्ष बंदरगाह वोस्तोचन कोस्मोड्रोम में मुलाकात के बाद हुआ। बता दें कि सितंबर में दोनों देशों के बीच संभावित हथियार सौदे को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।


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